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DAV School Jind : डी.ए. वी. शताब्दी पब्लिक स्कूल जींद की प्राचार्या श्रीमती रश्मि विद्यार्थी जी ने सर्दी की ऋतु के बाद बसंत ऋतु के आगमन पर विद्यालय में बसंत पंचमी के अवसर पर पीले रंग के दिवस का आयोजन किया।जिससे बच्चों को पीले रंग की पहचान करने में मदद मिली।इसमें नर्सरी से यू.के.जी. श्रेणी तक के छोटे-छोटे बच्चों ने भाग लिया। श्रीमती विद्यार्थी ने बच्चों को बताया कि बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। बसंत पंचमी के समय सरसों के खेत खिल उठते हैं, जिससे चारों तरफ पीली और खूबसूरत रंगत छा जाती है।
इस दिन लोग पीले कपड़े पहनते हैं, क्योंकि पीला रंग वसंत ऋतु को दर्शाता है। बसंत पंचमी माघ महीने के पाँचवे दिन मनाई जाती है, जो हर साल जनवरी या फरवरी में आती है। यह पतंग उड़ाने व मस्ती करने का दिन है। इस दिन छोटे, बड़े व बच्चे सभी मिलकर पतंग उड़ाते हैं तथा नमकीन व मीठे पकवान खाते हैं।बच्चे लगभग पचास तरह की पीले रंग की खाने की वस्तुएं जैसे बेसन का हलवा, मीठे चावल, बेसन के लड्डू, बर्फी, पोहा, चील्ला,ढोकला, ब्रेड पकौड़ा,पीली पेस्ट्री, कढी, छोले, फ्रेंच फ्राइज, हल्दी वाला दूध, फ्रूटी, ढोकलाइडली, सेवइयां आदि लेकर आए।
इन स्वादिष्ट खानों की मीठी-मीठी खुशबू चारों तरफ फैल कर वातावरण को सुगंधित बना रही थी।बसंत पंचमी के अवसर पर सभी अध्यापिकाओं ने पीले रंग के वस्त्र धारण किए।पीले रंग के गुब्बारों से सजावट की गई। पीले रंग की कुर्सियों पर बच्चों को बैठाया गया।पीले रंग की क्राफ्ट वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई गई। बच्चों ने पतंग बनाकर उसमें पीला रंग किया। बच्चों द्वारा पीले रंग से संबंधित कविताएं सुनाई गई। बसंत पंचमी के मनमोहक गानों की धुन पर बच्चों को सामूहिक नृत्य करवाया गया।
आदरणीय प्रधानाचार्या श्रीमती रश्मि विद्यार्थी जी ने सूरज की किरणों से, कविता सुनाते हुए बच्चों को सूरज के पीले रंग और उसकी ऊर्जा के बारे में बताया व सूरज की तरह सबको बिना किसी स्वार्थ के मदद करने के लिए प्रेरित किया। सभी बच्चे बहुत खुश व उत्साहित दिखाई दे रहे थे। श्रीमती रश्मि विद्यार्थी जी ने बताया कि इस तरह की क्रियाएं बच्चों को जल्दी सीखने में मदद करती हैं और उनके आत्म विश्वास को बढ़ाती हैं।डी.ए. वी. शताब्दी पब्लिक स्कूल जींद इस तरह के कार्यक्रम समय समय पर होते रहते हैं। बसंत पंचमी के इस अवसर पर श्रीमती पारुल, श्रीमती शोभना, श्रीमती पूनम देवी, श्रीमती कविता, श्रीमती रेमन, श्रीमती अबिता, श्रीमती रीतु, श्रीमती मीना, मीनू गणोत्रा मौजूद रहीं।